- Get link
- Other Apps
Featured post
- Get link
- Other Apps
तनक हरि चितवौ जी मोरी ओर।
हम चितवत तुम चितवत नाहीं
मन के बड़े कठोर।
मेरे आसा चितनि तुम्हरी
और न दूजी ठौर।
तुमसे हमकूँ एक हो जी
हम-सी लाख करोर।।
कब की ठाड़ी अरज करत हूँ
अरज करत भै भोर।
मीरा के प्रभु हरि अबिनासी
देस्यूँ प्राण अकोर।।
श्रेणी: पद
हम चितवत तुम चितवत नाहीं
मन के बड़े कठोर।
मेरे आसा चितनि तुम्हरी
और न दूजी ठौर।
तुमसे हमकूँ एक हो जी
हम-सी लाख करोर।।
कब की ठाड़ी अरज करत हूँ
अरज करत भै भोर।
मीरा के प्रभु हरि अबिनासी
देस्यूँ प्राण अकोर।।
श्रेणी: पद
Meera Bai
Meera Ke Pad
Mira Bai
Mira Ke Pad
Pad Meera Ke
Pad Mira Ke
Sant Meera Bai
Sant Mira Bai
पद
पद मीराबाई
मीराबाई
मीराबाई पद
संत मीरा बाई रचना
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment