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तुम सुणो जी म्हारो अरजी।
भवसागर में बही जात हूँ काढ़ो तो थारी मरजी।
इण संसार सगो नहिं कोई सांचा सगा रघुबरजी।।
मात-पिता और कुटम कबीलो सब मतलब के गरजी।
मीरा की प्रभु अरजी सुण लो चरण लगावो थारी मरजी।।
श्रेणी: पद
भवसागर में बही जात हूँ काढ़ो तो थारी मरजी।
इण संसार सगो नहिं कोई सांचा सगा रघुबरजी।।
मात-पिता और कुटम कबीलो सब मतलब के गरजी।
मीरा की प्रभु अरजी सुण लो चरण लगावो थारी मरजी।।
श्रेणी: पद
Meera Bai
Meera Ke Pad
Mira Bai
Mira Ke Pad
Pad Meera Ke
Pad Mira Ke
Sant Meera Bai
Sant Mira Bai
पद
पद मीराबाई
मीराबाई
मीराबाई पद
संत मीरा बाई रचना
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