- Get link
- Other Apps
Featured post
- Get link
- Other Apps
मन रे परसि हरिके चरण।
सुभग सीतल कंवल कोमल,त्रिविध ज्वाला हरण।
जिण चरण प्रहलाद परसे, इंद्र पदवी धरण।।
जिण चरण ध्रुव अटल कीन्हे, राख अपनी सरण।
जिण चरण ब्रह्मांड भेट्यो, नखसिखां सिर धरण।।
जिण चरण प्रभु परसि लीने, तेरी गोतम घरण।
जिण चरण कालीनाग नाथ्यो, गोप लीला-करण।।
जिण चरण गोबरधन धारयो, गर्व मघवा हरण।
दासि मीरा लाल गिरधर, अगम तारण तरण।।
श्रेणी: पद
सुभग सीतल कंवल कोमल,त्रिविध ज्वाला हरण।
जिण चरण प्रहलाद परसे, इंद्र पदवी धरण।।
जिण चरण ध्रुव अटल कीन्हे, राख अपनी सरण।
जिण चरण ब्रह्मांड भेट्यो, नखसिखां सिर धरण।।
जिण चरण प्रभु परसि लीने, तेरी गोतम घरण।
जिण चरण कालीनाग नाथ्यो, गोप लीला-करण।।
जिण चरण गोबरधन धारयो, गर्व मघवा हरण।
दासि मीरा लाल गिरधर, अगम तारण तरण।।
श्रेणी: पद
Meera Bai
Meera Ke Pad
Mira Bai
Mira Ke Pad
Pad Meera Ke
Pad Mira Ke
Sant Meera Bai
Sant Mira Bai
पद
पद मीराबाई
मीराबाई
मीराबाई पद
संत मीरा बाई रचना
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment