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किताबें / प्रकाश मनु

क्या-क्या पढ़ाती हैं देखो किताबें,
मगर मुसकराती हैं देखो किताबें।
दुनिया का नक्शा, दुनिया की बातें,
सब कुछ बताती हैं देखो किताबें।
अटके हुए हैं बैठे जो थककर,
हिम्मत बढ़ाती हैं देखो किताबें
कितना अँधेरा है, आँधी है, उलझन,
रस्ता सुझाती हैं देखो किताबें।
दुर्बल हो कोई, गिरा हो जमीं पर।
झटपट उठाती है देखो किताबें।
कितनी मुसीबत से आईं गुजरकर
मगर खिलखिलाती हैं देखो किताबें।

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