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अब तो जागो भोर हुई / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

सोये बहुत रात को बेटा
अब तो जागो भोर हुई
छोड़ो गददा गरम रजाई
देखो कितनी देर हुई

बाहर अच्छी धूप खिली है
कुल्ला मंजन कर लो तुम
होमवर्क भी कर लो थोड़ा
पाठ याद भी कर लो तुम

सुबह-सुबह यदि पढ़ते है तो
याद तुरंत हो जाता है
जब होती है कभी परीक्षा
याद सभी हो जाता है

देखो चिड़ियाँ डाली-डाली
चुह-चुह करती फुदक रहीं
चढ़ती और उतरती देखो
गिलहरियाँ भी घूम रहीं

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