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पेड़ अनोखा है कटहल का
इसमें कोई फूल न लगता
केवल फल लगता है।
जड़ के ऊपर मध्य तने में
यह लटका रहता है॥
कारण पूछा तो वह बोला
कोरी बात न करता मैं॥
फूल न खिलता किन्तु फलों का
ढेर लगाया करता मैं॥
जो कहते हैं किन्तु न करते
मैं हूँ उनसे कितना अच्छा
फल सब्जी सब में रहता हूँ
तन मन से हूँ पूरा सच्चा॥
कांटे होते हैं पर उनसे
मैं अपनी रक्षा करता हूँ
हूँ तो सब्जी फिर भी भैय्या
फल का काम किया करता हूँ॥
इसमें कोई फूल न लगता
केवल फल लगता है।
जड़ के ऊपर मध्य तने में
यह लटका रहता है॥
कारण पूछा तो वह बोला
कोरी बात न करता मैं॥
फूल न खिलता किन्तु फलों का
ढेर लगाया करता मैं॥
जो कहते हैं किन्तु न करते
मैं हूँ उनसे कितना अच्छा
फल सब्जी सब में रहता हूँ
तन मन से हूँ पूरा सच्चा॥
कांटे होते हैं पर उनसे
मैं अपनी रक्षा करता हूँ
हूँ तो सब्जी फिर भी भैय्या
फल का काम किया करता हूँ॥
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