- Get link
- Other Apps
Featured post
- Get link
- Other Apps
लाल टोपी, काळो चश्मो,
पै‘र पजामो झालरदार
हाथ में डंडो, मुंह में सीटी,
ऊंदर बणग्यो थाणेदार।
मूंछ पलारी, टाई सुंवारी
बांकी-बांकी चाल्यो चाल।
गुवाड़ी में मारी दाकळ,
टाबर होग्या आकळ-बाकळ,
ऊंदरड़ी फुलाया गाल।
बिल्ली नै सुधारूंलो,
गुंडा नै सुंवारूंलो,
पूछूंलो म्है कई सुवाल
बिल रै सामी बिल्ली आई,
ऊंदरियै री शामत आई,
छयांया-म्यांयां सारा सुवाल।
श्रेणियाँ: राजस्थानी रचना बाल-कविताएँ
पै‘र पजामो झालरदार
हाथ में डंडो, मुंह में सीटी,
ऊंदर बणग्यो थाणेदार।
मूंछ पलारी, टाई सुंवारी
बांकी-बांकी चाल्यो चाल।
गुवाड़ी में मारी दाकळ,
टाबर होग्या आकळ-बाकळ,
ऊंदरड़ी फुलाया गाल।
बिल्ली नै सुधारूंलो,
गुंडा नै सुंवारूंलो,
पूछूंलो म्है कई सुवाल
बिल रै सामी बिल्ली आई,
ऊंदरियै री शामत आई,
छयांया-म्यांयां सारा सुवाल।
श्रेणियाँ: राजस्थानी रचना बाल-कविताएँ
- Get link
- Other Apps
Comments
Post a Comment