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हर वक़्त चिढ़ना,
चिढ़कर झगड़ना—
आदत बुरी है, ये आदत बुरी।
ख़ुश रहने का है
बस एक जादू,
ग़ुस्से पर अपने
रखना जी क़ाबू,
पल-पल उबलना
धम्म-धमक चलना—
आदत बुरी है, ये आदत बुरी।
धीरज नहीं हो तो
हो जाती गड़बड़,
जीवन की गाड़ी
करती है खड़-खड़ ,
औरों की सुनना न,
अपनी ही कहना—
आदत बुरी है, ये आदत बुरी।
चिढ़कर झगड़ना—
आदत बुरी है, ये आदत बुरी।
ख़ुश रहने का है
बस एक जादू,
ग़ुस्से पर अपने
रखना जी क़ाबू,
पल-पल उबलना
धम्म-धमक चलना—
आदत बुरी है, ये आदत बुरी।
धीरज नहीं हो तो
हो जाती गड़बड़,
जीवन की गाड़ी
करती है खड़-खड़ ,
औरों की सुनना न,
अपनी ही कहना—
आदत बुरी है, ये आदत बुरी।
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