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मधुवर्षिणि,
मधु बरसाती चल,
बरसाती चल,
बरसाती चल ।
झंकृत हों मेरे कानों में,
चंचल, तेरे कर के कंकण,
कटि की किंकिणि,
पग के पायल--,
कंचन पायल,
’छन्-छन्’ पायल ।
मधुवर्षिणि,
मधु बरसाती चल,
बरसाती चल,
बरसाती चल ।
मधु बरसाती चल,
बरसाती चल,
बरसाती चल ।
झंकृत हों मेरे कानों में,
चंचल, तेरे कर के कंकण,
कटि की किंकिणि,
पग के पायल--,
कंचन पायल,
’छन्-छन्’ पायल ।
मधुवर्षिणि,
मधु बरसाती चल,
बरसाती चल,
बरसाती चल ।
Harivansh Rai Bachchan Kavita
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Poem
Poetry
कविता
मधुबाला हरिवंशराय बच्चन
हिंदी कविता
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