Posts

Featured post

हम आँसू की धार बहाते

हम कब अपनी बात छिपाते

खेल चुके हम फाग समय से

विश्व मनाएगा कल होली

आओ, नूतन वर्ष मना लें

साथी, नया वर्ष आया है

साथी, घर-घर आज दिवाली

कोई पार नदी के गाता

हो मधुर सपना तुम्हारा

आओ, सो जाएँ, मर जाएँ

आ, तेरे उर में छिप जाऊँ

पगध्वनि

पाँच पुकार

इस पार उस पार

प्यास

दुखों का स्वागत

दुख में

चुम्बन

कोयल

वन्दी