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एक पलक
एक झलक,
दो मन में एक ललक ।
एक पास,
एक पहर,
दो मन में एक लहर ।
एक रात,
एक साथ,
दो मन में एक बात ।
एक गेह,
एक देह,
दो मन में एक स्नेह ।
एक झलक,
दो मन में एक ललक ।
एक पास,
एक पहर,
दो मन में एक लहर ।
एक रात,
एक साथ,
दो मन में एक बात ।
एक गेह,
एक देह,
दो मन में एक स्नेह ।
Harivansh Rai Bachchan Kavita
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Poetry
कविता
सतरंगिनी हरिवंशराय बच्चन
हिंदी कविता
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