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रावण और कंस को
एक दूसरे को गाली देते,
एक दूसरे पर दाँत पीसते,
एक दूसरे के सामने खड़े होकर ताल ठोंकते
देखकर बहुत खुश न हो
कि अच्छा है साले आपस ही में कट मरेंगे।
मसीहाई का दावा नहीं करूँगा,
पर दुनिया को मैंने जैसे देखा-जाना है,
दुमुहीं, दुरुखी, दुरंगी,
उससे इतनी मसीहाई तो करना ही चाहूंगा
कि रावण और कंस
अगर आपस में लड़ मरेंगे
तो किसी दिन
राम और कृष्ण आपस में लड़ेंगे ।
एक दूसरे को गाली देते,
एक दूसरे पर दाँत पीसते,
एक दूसरे के सामने खड़े होकर ताल ठोंकते
देखकर बहुत खुश न हो
कि अच्छा है साले आपस ही में कट मरेंगे।
मसीहाई का दावा नहीं करूँगा,
पर दुनिया को मैंने जैसे देखा-जाना है,
दुमुहीं, दुरुखी, दुरंगी,
उससे इतनी मसीहाई तो करना ही चाहूंगा
कि रावण और कंस
अगर आपस में लड़ मरेंगे
तो किसी दिन
राम और कृष्ण आपस में लड़ेंगे ।
Harivansh Rai Bachchan Kavita
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कविता
जाल समेटा हरिवंशराय बच्चन
हिंदी कविता
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